उद्देश्य :
- समिति द्वारा उपबंधित अर्हता को पूर्ण करने वाले सभी लाभार्थियों को किसी भी प्रकार के दीवानी, फौजदारी, राजस्व एवं कॉर्पोरेट से सम्बंधित विवाद में समुचित परामर्श एवं विधिक अभिमत प्रदान कर न्यायप्राप्ति हेतु विधिक प्रतिनिधित्व प्रदान कर सक्षम एवं समर्थ बनाना।
- विधिक समस्याओ के निवारण हेतु उचित परामर्श, उपचार एवं मार्गदर्शन प्रदान करना।
- याचिका का प्रारूप तैयार कर, उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना, अपने पक्षकार के बचाव् में पक्ष रखना एवं प्रक्रियात्मक नियमो का पालन करते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष पक्षकार को प्रतिनिधित्व प्रदान करना।
- उच्च न्यायालय से समक्ष लंबित वाद में न्यायालय के निर्देशानुसार पक्षकारो के मध्य समझौता, मध्यस्थता तथा सुलह की प्रक्रिया में परामर्श एवं सहयोग प्रदान करना।
- परोक्ष/ दूरस्थ विधिक सेवा उपलब्ध करना।
समिति द्वारा प्रस्तावित सेवाएं व्यापक है, जिसमे प्रत्याशित अथवा प्रस्तावित विधिक कार्यवाही के सम्बन्ध में परामर्श देना तथा याचिका का प्रारूप तैयार कर उसका प्रस्तुतीकरण करना साथ ही साथ उच्च न्यायालय के समक्ष पक्षकार के विरुद्ध आरम्भ की गयी कार्यवाही में पक्षकार के अथवा पक्षकार के बचाव के निमित्त प्रस्तुत होना सम्मिलित है। मध्यम आय वर्ग से सम्बंधित कोई भी व्यक्ति जो उपरोक्त सेवाओं का लाभ लेना चाहता है, बिना उच्च न्यायालय आये वाट्स एप्प, ईमेल, ग्रुप चैट तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भी उक्त सेवाओं का लाभ ले सकता है। यदि पक्षकार को किसी कारण आना भी पड़ता है तो मुख्यतः शपथ पत्र एवं याचिका पर हस्ताक्षर के निमित्त ही आना होगा।